
शिलाई (सिरमौर): 24 जुलाई।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले के शिलाई क्षेत्र से एक अनोखी शादी की खबर सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना दिया है। यहां दो सगे भाइयों ने एक ही महिला से पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह कर हाटी जनजाति की प्राचीन बहुपति (Polyandry) परंपरा को पुनर्जीवित किया है।
शादी करने वाले भाइयों में बड़े हैं प्रदीप नेगी, जो सरकारी कर्मचारी हैं, जबकि छोटे भाई कपिल नेगी विदेश में कार्यरत हैं। दोनों ने सुनीता चौहान, निवासी कुनहत गांव, से सामूहिक विवाह किया। यह विवाह तीन दिनों तक पारंपरिक गीत-संगीत और रीति-रिवाजों के साथ सम्पन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
इस प्रथा को स्थानीय स्तर पर ‘जोड़ीदारा’ या ‘उजाला पक्ष’ के नाम से जाना जाता है। हाटी जनजाति में यह प्रथा भूमि और संपत्ति के विभाजन को रोकने तथा परिवारिक एकता बनाए रखने के उद्देश्य से सदियों से प्रचलित रही है।
इस अवसर पर प्रदीप नेगी ने बताया, “हम दोनों भाइयों ने यह निर्णय आपसी सहमति से लिया है। यह हमारी परंपरा है और हमें इसे निभाने में कोई शर्म नहीं, बल्कि गर्व है।”
कपिल नेगी ने कहा, “मैं विदेश में रहता हूं, लेकिन हमने यह फैसला परिवार और परंपरा की भलाई के लिए किया है।”
वहीं, दुल्हन सुनीता चौहान ने कहा, “मैंने यह विवाह पूरी सहमति से किया है। मुझे इस परंपरा की जानकारी पहले से थी और मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है।”
हाटी जनजाति को वर्ष 2022 में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा मिला था, जिसके बाद से उनकी पारंपरिक रीति-रिवाजों को कानूनी संरक्षण भी प्राप्त है। हालांकि, बहुपति विवाह को देश के सामान्य कानूनों के अंतर्गत मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन आदिवासी क्षेत्रों में यह परंपरा आज भी कुछ स्थानों पर देखने को मिलती है।
यह विवाह न केवल स्थानीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है कि आधुनिकता के दौर में भी परंपराएं सुरक्षित रखी जा सकती हैं, बशर्ते वे पारदर्शिता, सहमति और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ निभाई जाएं।